भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामन्त्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने मुख्यमन्त्री कार्यालय, मुख्य मंत्री भूपेश बघेल और मुख्यसचिव अमिताभ जैन को ट्वीट कर मध्य प्रदेश सरकार के पेंशनरों के लिए 34℅ डी आर देने के प्रस्ताव को मान्य कर तुरन्त आदेश जारी करने की मांग की है.
जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि मध्य प्रदेश शासन के वित्त सचिव अजीत कुमार ने छत्तीसगढ़ में वित्त सचिव अलरमेल मन्गई डी.को अर्धशासकीय पत्र क्रमांक 1411 दिनांक 25/8/22 को प्रस्ताव भेजकर उल्लेख किया है कि म प्र शासन राज्य के पेंशनरों/परिवार पेंशनरों को देय महंगाई राहत के दर में 01अगस्त2022 ( भुगतान सितम्बर 2022) से वृद्धि करते हुए कुल 34℅ करने का निर्णय लिया है.मध्य प्रदेश पुनर्गठनअधिनियम की धारा 49 के अनुसार पेंशनरो/परिवार पेंशनरों को देय महंगाई राहत में वृद्धि के फलस्वरुप व्यय म प्र शासन एव्ं छ ग शासन द्वारा नियत अनुपात में वहन किया जाता है.अत: महंगाई राहत में वृद्धि का आदेश जारी करने के पूर्व छत्तीसगढ़ शासन की अनुमति आवश्यक है. उपरोक्त अनुक्रम में म प्र पुनर्गठन अधिनियम2000 की धारा 49 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन की सहमति से शीघ्र अवगत का अनुरोध है. परंतु छत्तीसगढ़ सरकार ने उस पत्र आज दिनांक तक लम्बित रखकर दोनों राज्य के पेंशनरों के साथ धोखा की है.
जारी विज्ञप्ति में पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामन्त्री वीरेंन्द्र नामदेव ने आगे बताया है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा म प्र शासन के द्वारा प्रेषित प्रस्ताव के समय दोनों राज्य में पेंशनरों को एक समान 22℅ के दर से महंगाई राहत प्राप्त हो रहा था, अत: कुल 12℅ महंगाई राहत देने सम्बन्धी प्रस्ताव के विरुद्ध छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 14 सितम्बर 22 को केवल 6℅ महंगाई राहत देने का आदेश जारी किया गया. जबकि मध्यप्रदेश शासन ने 12% की अनुमति मांगा था ताकि पेंशनरों और परिवार पेंशनर को केन्द्र के बराबर 34% महंगाई राहत दिया जा सके. परंतु छत्तीसगढ़ सरकार ने जानबूझकर अनुमति रोक कर पेंशनरों के साथ घोर अन्याय किया है.जिसका खामियाजा दोनों राज्य के पेंशनर भुगत रहे हैं.
ज्ञात हो कि 14 अक्टुबर 22 को छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग ने मध्य प्रदेश के प्रस्ताव को नजर अंदाज कर एक आदेश जारी कर केवल राज्य के कर्मचरियों के लिए 5℅ महंगाई भत्ता में वृद्धिकर कुल 33℅ प्रतिशत कर दिया है परंतु बुजुर्ग पेंशनरों तथा परिवार पेंशनरों को मध्यप्रदेश से अनुमति के बहाने बाजी में महंगाई राहत के आदेश से वंचित रखकर पेंशनरों के साथ अन्याय कर रहे है.
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