भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा प्रदेश में शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना अपने उद्देश्यों में आशा से अधिक सफल रही है। यहां तक कि यह योजना सामाजिक बदलाव का माध्यम बन गई है। मध्यप्रदेश के नागरिकों को लाड़ली लक्ष्मी-2 योजना से भी ऐसी ही अपेक्षा है और निश्चित रूप से यह योजना बेटियों के भविष्य को संवारेगी, उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी। यह बात भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती माया नारोलिया ने लाड़ली लक्ष्मी-2 योजना के शुभारंभ पर हर्ष व्यक्त करते हुए कही।
श्रीमती माया नारोलिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में एक समय पर बेटियों को अभिशाप समझा जाता था। बेटी के जन्म पर परिवार में मातम छा जाता था और कई बार तो अजन्मी बेटियों को गर्भ में ही समाप्त करने की साजिश भी रची जाती थी। इसी बीच वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री शिवराजसिंह चौहान ने समाज में बेटियों को सम्मान दिलाने के लिए 2006 से लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू की। समय के साथ यह योजना नारी सशक्तीकरण के क्षेत्र में इतनी लोकप्रिय हो गई कि देश के अन्य राज्यों ने भी इसे अपनाया। श्रीमती माया नारोलिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में आज 43 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मियां हैं। बेटियां अब अभिशाप नहीं, बल्कि अपने माता-पिता का अभिमान बन रही हैं। इस योजना ने मध्यप्रदेश में गिरते लिंगानुपात को सुधारने में महती भूमिका निभाई है और अब मध्यप्रदेश में 1000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या 978 पर पहुंच गई है, जबकि पहले सिर्फ 912 बेटियां ही होती थीं। श्रीमती नारोलिया ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी बेटियां अब कॉलेज में पहुंच गई हैं जबकि लाड़ली लक्ष्मी योजना सिर्फ कक्षा 12 वीं तक ही उनका साथ देती थी। ऐसी स्थिति में बेटियों के भविष्य को संवारने तथा उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी-2 योजना का शुभारंभ किया है, जो एक स्वागत योग्य पहल है और इसके लिए मैं मुख्यमंत्री श्री चौहान और उनकी सरकार के प्रति आभार जताती हूं।
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