रायपुर. छत्तीसगढ़ में पिछले दो दिनों से सरकारी अधिकारियों और व्यवसायियों से जुड़े विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को कोरबा और रायगढ़ जिलों के जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में जांच शुरू की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी की अलग-अलग टीम कोरबा और रायगढ़ जिलों में जिलाधिकारी कार्यालय परिसर की खनन शाखा में जांच कर रही हैं. उन्होंने बताया कि ईडी कोरबा जिले में जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) और आदिवासी कल्याण विभाग की शाखाओं की भी जांच कर रहा है.
ईडी के सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया. एजेंसी ने 11 अक्टूबर से कई शहरों में छापेमारी शुरुआत की . सूत्रों ने बताया कि अधिकारी के अलावा ईडी ने आज इंदरमणि समूह के कारोबारी सुनील अग्रवाल और फरार कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी को सुबह गिरफ्तार किया. तीनों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2009 बैच के अधिकारी विश्नोई वर्तमान में छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी के सीईओ और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष सचिव हैं. उनके पास छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी है.उन्होंने इससे पहले भौमिकी तथा खनिकर्म विभाग के संचालक और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया था.
सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने बुधवार को रायपुर स्थित अपने कार्यालय में कुछ अन्य लोगों के साथ उनसे पूछताछ की थी.
राज्य के महासमुंद जिले में पेशे से वकील लक्ष्मीकांत तिवारी के परिसरों पर भी छापे मारे गए थे. वह व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी के चाचा हैं.
वहीं कोयले का कारोबार करने वाले इंदरमणि समूह के निदेशक सुनील अग्रवाल का सूर्यकांत तिवारी से गहरा नाता बताया जाता है. वह एक दशक से अधिक समय से कोयला कारोबार में हैं और माना जाता है कि वरिष्ठ राजनेताओं के साथ उनके संबंध हैं. सूत्रों ने बताया कि ईडी की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में ट्रांसपोर्टरों से कुछ व्यवसासियों और लोगों द्वारा कथित अवैध कमीशन की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से संबंधित है.
उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने आईएएस अधिकारी एवं रायगढ़ की जिलाधिकारी रानू साहू के आवास को भी सील कर दिया था क्योंकि वह छापेमारी के दौरान मौजूद नहीं थीं. बाद में साहू ने एजेंसी को सूचित किया कि उनकी कोई चिकित्सा प्रक्रिया चल रही है और उन्होंने जांच में सहयोग का आश्वासन दिया.
ईडी के सूत्रों ने बताया कि 2010 बैच की आईएएस अधिकारी साहू रायपुर में एजेंसी के कार्यालय में अभी तक पेश नहीं हुई हैं. सूत्रों ने बताया कि ईडी ने एक अन्य आईएएस अधिकारी जेपी मौर्य, जो वर्तमान में भौमिकी तथा खनिकर्म विभाग के निदेशक के रूप में तैनात हैं, के परिसरों में छापे की कार्रवाई की है. मौर्य रानू साहू के पति हैं.
ईडी ने छत्तीसगढ़ में हालिया छापों में लगभग चार करोड़ रुपए की नकदी और जेवर बरामद किए हैं. संघीय एजेंसी ने आयकर विभाग की शिकायत और आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है. इससे पहले सितंबर में आयकर विभाग ने राज्य में इस्पात और कोयला व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों के परिसरों पर छापा मारा था. वहीं, इस साल जून-जुलाई में आयकर विभाग ने कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी के परिसरों और मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में तैनात एक अधिकारी के घर समेत कई जगहों पर तलाशी ली थी.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को राज्य में कई स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे को लेकर केंद्र पर निशाना साधा था और कहा था कि राजनीतिक लाभ के लिए और राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रमन सिंह ने कहा था कि बघेल कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का एटीएम हैं और उन्होंने यह भी दावा किया कि कोयला परिवहन के लिए 25 रुपये प्रति टन की ‘अवैध लेवी’ एकत्र की जा रही है.
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