जयपुर. केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र से राजस्थान को आवंटित कोल ब्लॉक को रद्द करने का आग्रह किया है लेकिन भारत सरकार ने इसे रद्द नहीं करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से बात की है और इस मुद्दे को हल करने एवं खनन गतिविधियों को फिर से शुरू करने की उम्मीद कर रहे हैं ताकि राजस्थान राज्य को वहां से 11 रैक कोयला मिलता रहे.
जोशी ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ में राजस्थान को आवंटित खदान को रद्द करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से एक प्रस्ताव आया है, लेकिन हमने एक प्रक्रिया के तहत इसे राजस्थान को आवंटित किया है, इसलिए हम इसे रद्द नहीं कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार ने सैद्धांतिक रूप से इसे रद्द नहीं करने के लिए एक ‘स्टैंड’ लिया है. हमारा प्रयास होगा कि खनन गतिविधियों को फिर से शुरू किया जाए ताकि राजस्थान को वहां से 11 रैक कोयला मिलता रहे.’’ उल्लेखनीय है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों ही कांग्रेस शासित राज्य हैं.
उन्होंने कहा कि राजस्थान समेत पूरे देश में ऊर्जा की मांग काफी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय राज्य सरकार को कोयले की आवश्यकता में पूरा सहयोग देने की कोशिश करेगा जोशी ने कहा कि कोयले की आपूर्ति 12-13 रैक प्रतिदिन से बढ़ाकर 16.5 रैक प्रतिदिन की गई है ताकि राजस्थान में बिजली संयंत्रों को कोयले का संकट न हो.
इससे पहले, बीकानेर में 1,190 मेगावॉट का सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड और राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरयूवीएनएल) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के एक कार्यक्रम में बोलते हुए जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया है.
इसके साथ ही सरकार नई तकनीक को अपनाकर बिना प्रदूषण के कोयले से बिजली बनाने की दिशा में भी काम कर रही है. जोशी ने कहा कि 2040 तक देश में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत लगभग दोगुनी हो जाएगी और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए अक्षय स्रोतों से बिजली उत्पादन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है और कोयले के उत्पादन में भारी वृद्धि हुई है, लेकिन अब कोयले के इस्तेमाल पर कई तरह की पाबंदियां हैं. जोशी ने कहा कि देश में खनन के क्षेत्र में बड़ी संख्या में बदलाव हुए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में सौर संयंत्र स्थापित करने में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के निर्माण के लिए कारखाने स्थापित किए जाने चाहिए ताकि ऊर्जा उत्पादन के साथ रोजगार के अवसर भी पैदा हों. राजस्थान के बीकानेर जिले के पूगल में 1,190 मेगावॉट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. कोल इंडिया लिमिटेड संयंत्र स्थापित करेगी जिसे दो साल में पूरा करने की योजना है.
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