ये एक रोमांचकारी और अद्भुत तथ्य है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्रीमती इंदिरा गांधी ने एक टाईम कैप्सूल यानि कालपत्र छपवाया था। जिसे सैकड़ों फीट नीचे गड़वा कर रख दिया था। मकसद ये था कि आज से सैकड़ों, हजारांे साल बाद जब कभी खुदाई में वो मिलेगा तो आज के हालात से तब के लोग वाकिफ हांेगे। लेकिन जिस तरह से हिंदुस्तान के इतिहास को भ्रम का पुलिंदा बना कर रख दिया है कांग्रेस ने, ठीक उसी तरह इस ताम्रंपत्र को भी एक अर्धसत्य कहा जा सकता है।
सनसनी खेज खुलासा
कालांतर में जब कांग्रेस विरोधी दलों की सरकार बनी तो कांग्रेस की विरोधी सरकार के प्रधानमंत्री बने मोरारजी देसाई ने इसे खुदवा दिया। तब ये सनसनीखेज सच्चाई सामने आई कि वो ताम्रपत्र एक तथ्यात्मक सच्चाई नहीं बल्कि एक प्रशंसा पत्र था जो केवल गांधी परिवार और कांग्रेस को महिमामण्डित करने के लिये गड़वाया गया था। क्योंकि उस कालपत्र में सुभाषचन्द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले, भगतसिंग, चन्द्रशेखर आजाद यानि हजारों ऐसे क्रांतिकारियों का जिन्होंने अपना सर्वस्व दांव पर लगाया आौर अपना जीवन तक न्यौछावर कर दिया, किसी का जिक्र नहीं था। बस मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का महिमा मण्डन किया गया था। हर छोटी-मोटी उपलब्धि को हिमालय की उंचाई सा जताया गया और ऐसा प्रदर्शित किया गया था कि कांग्रेस ही सर्वेेसर्वा रही और सारे देश में जो भी अच्छा हुआ है वो कांग्रेस की ही देन है। देश को आजाद भी केवल और केवल कांगे्रस ने करवाया।
अंग्रेजों की खेरख्वाह रही कांग्र्रेस
यदि यूं कहा जाए कि इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जिस अंदाज में देश में ये भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि आजादी कांग्रेस से मिली है। और, और किसी का कोई योगदान नहीं है वो उसी परिपाटी का हिस्सा है। लेकिन देश अब इन बातों से भ्र्रमित होने वाला नहीं है। बल्कि बदलते माहौल में तो कांग्रेस के रवैये से जनता खिन्न नज़र आ रही है। यदि सच्चाई को स्वीकार करें तो ये साफ दिखता है कि जनमानस इस बात को समझ गया है और इस सच से अवगत हो गया है कि कांग्रेस ने हमेशा अंग्रेज सरकार की सहूलियत के लिये काम किया। कांगे्रस ने ही परतंत्र देश में स्वतंत्रता के लिये धधकती ज्वाला को शान्त करने का काम किया। अन्यथा अंग्रेजों को जान के लाले पड़ जाते। अंग्रेज काफी पहले ही भाग जाते अगर जनता को पुचकार कर कांग्रेस शान्त न करती।
कांग्रेस का पहला अध्यक्ष अंग्रेज
दरअसल क्रांतिकारियों के कदमों से जनता के अंदर आग लग रही थी और ये ज्वाला अंगे्रजी सत्ता को नेस्तनाबूत कर देती। अब ये बात सारे देश को पता चल गयी है कि कांग्रेस का जन्म ही अंग्रेजों को संरक्षण देने के लिये हुआ था और इसका पहला अध्यक्ष एक अंग्रेज कलेक्टर ही था। यानि जनता पर क्रांतिकारियों के प्रभाव को कम करना और अंग्रेजी शासकों के शासन का रास्ता सुगम करना ही कांग्रेस का मकसद था। ऐसे में देश के केवल कांग्रेसियों को श्रेय देना और अन्य सभी बलिदानियों से देश को अनभिज्ञ रखना कांगे्रस का षड्यंत्र कहा जा सकता है।
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जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
उव 9522170700
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