Inflammatory Problem: ऐसे लक्षणों का मतलब शरीर में हो रहा है इंफ्लामेशन, जानिए कैसे पाएं इससे राहत

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इंफ्लामेशन, हमारे शरीर की उपचार प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा है। जब हमारा शरीर किसी आक्रामक एजेंट (जैसे वायरस, बैक्टीरिया या रसायनों) के संपर्क में आता है तो इसकी प्रतिक्रिया में सूजन होती है। हालांकि अगर ये इंफ्लामेशन या सूजन की समस्या अनावश्यक कारणों से होने लगती है तो इसपर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सूजन, चोट या संक्रमण से शरीर की रक्षा के लिए इंफ्लामेशन होना एक सामान्य प्रक्रिया है हालांकि सूजन तब हानिकारक हो जाती है जब यह स्वस्थ ऊतकों में हो जाए या बहुत लंबे समय तक बनी रहे। इसे क्रोनिक इंफ्लामेशन के रूप में जाना जाता है, जो शरीर में कई प्रकार की भी बीमारियों को बढ़ाने का कारण बन सकती है।

आइए जानते हैं कि इंफ्लामेशन से क्या नुकसान हैं और कैसे जानें कि शरीर में इंफ्लामेशन हो रहा है?

संतुलन की समस्या

क्रोनिक इंफ्लामेटरी डिजीज (सीआईडी) आपके शरीर को अत्यधिक प्रतिक्रिया करने पर मजबूर करती है, जिस स्थिति में कई बार शरीर के स्वस्थ ऊतकों को भी नुकसान होने का खतरा रहता है। मल्टीपल स्केलेरोसिस ऐसी ही एक समस्या है जिसमें आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, तंत्रिका कोटिंग को अटैक करती है। इससे तंत्रिका संकेतों में समस्या आ सकती है जिसके कारण आपका संतुलन बिगड़ सकता है।

पीठ के निचले हिस्से में दर्द

क्रोनिक इंफ्लामेशन के कारण एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या होना काफी सामान्य है जिसमें सूजन की समस्या आपके रीढ़ को भी प्रभावित करने लगती है। कभी-कभी, यह आपके कूल्हे, गर्दन, घुटनों या छाती के लिए भी समस्याकारक स्थिति हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द की समस्या अगर लंबे समय से बनी हुई है और यह ठीक नहीं हो रही है तो इसपर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है।

इंफ्लामेशन को कम करने के लिए क्या करें?

 

डॉक्टर कहते हैं, अपने शरीर से सूजन को कम करने के लिए छह बातों पर विशेष ध्यान देते रहना बहुत आवश्यक माना जाता है।

एंटी-इंफ्लामेटरी खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

ऐसी चीजों का सेवन कम करें जो इंफ्लामेशन को बढ़ाती हैं।

ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें।

नियमित रूप से व्यायाम करें।

वजन को कम करने का प्रयास करते रहें।

तनाव का प्रबंधन करें, योग-मेडिटेशन से इसमें लाभ पाया जा सकता है।

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