मुख्यमंत्री ने जताया दुख, मृतक व गंभीर घायलों को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा

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रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंबिकापुर-विश्रामपुर मार्ग पर कालीघाट में स्कूटी व मोटरसाइकिल की टक्कर में एक छात्र के निधन पर शोक जताते हुए स्वजन के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने इस दुखद घटना में मृत छात्र एवं आईसीयू में भर्ती छात्रों के स्वजन को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

शेष दो छात्रों के समुचित इलाज हेतु सरगुजा जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है। साथ ही उन्होंने एक-एक लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है। मालूम हो कि मंगलवार को  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अंबिकापुर में युवाओं से संवाद कार्यक्रम था।

स कार्यक्रम में सरगुजा संभाग के सभी जिलों से कालेज में पढ़ने वाले विद्यार्थी शामिल हुए थे। विश्रामपुर निवासी ज्ञानोदय पिता संतोष (18) तथा निखिल भगत पिता अभय भगत (18) अंबिकापुर के राजीव गांधी शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीएससी की पढ़ाई करते हैं।

ये दोनों छात्र भी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद दोनों स्कूटी से अंबिकापुर से बिश्रामपुर वापस लौट रहे थे। उधर विश्रामपुर की ओर से एक मोटरसाइकिल में सवार होकर बलरामपुर कालेज में बीकाम की पढ़ाई करने वाले बलरामपुर निवासी डेविड रोहित तिर्की पिता क्लेमेंट तिर्की ( 20), बलरामपुर निवासी व बलरामपुर कॉलेज में बीएससी की पढ़ाई करने वाले अनुज एक्का ( 20) तथा अंबिकापुर के एक निजी कालेज में पढ़ाई करने वाले छात्र विशाल निकुंज अंबिकापुर की ओर आ रहे थे।

अंबिकापुर – विश्रामपुर मुख्य मार्ग पर कालीघाट के समीप स्कूटी और मोटरसाइकिल की आमने सामने की टक्कर  हो गई थी। बिश्रामपुर के छात्र निखिल भगत की मौत हो गई थी। उसके साथी ज्ञानोदय को सिर में गंभीर चोट आई है। गंभीर अवस्था में ज्ञानोदय को रायपुर रिफर कर दिया गया है।

मोटरसाइकिल में सवार बलरामपुर के छात्र डेविड रोहित तिर्की को भी गंभीर चोट की वजह से गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया गया है।इसे भी रायपुर रिफर किया गया है। अनुज एक्का का उपचार मेडिकल कालेज अस्पताल में ही किया जा रहा है जबकि विशाल निकुंज के पैर में गंभीर चोट आने के कारण शहर के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। कलेक्टर कुंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा के साथ पुलिस व प्रशासन के अधिकारी घायलों की समुचित उपचार की व्यवस्था में देर रात तक लगे थे।

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