राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की पुलिस ने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से लगभग 81 लाख रुपए की ठगी करने के आरोपी तीन चीनी नागरिकों के खातों पर रोक लगा दी है. इन खातों में लगभग चार करोड़ रुपए जमा हैं. पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
राजनांदगांव जिले के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि जिले के एक चिकित्सक अभिषेक पाल से क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से 81 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन चीनी नागरिकों लियू कियांग, ंिवग सैन त्से और गुओ पैन के नाम से पंजीकृत खातों पर रोक लगा दी है. इन खातों में लगभग चार करोड़ रुपए जमा हैं.
सिंह ने बताया कि अप्रैल में डॉक्टर पाल ने पुलिस में शिकायत की थी कि एक सोशल नेटर्विकंग साइट में हांगकांग की एना-ली नाम की एक महिला से उनकी जान पहचान हुई थी. बाद में दोनों की व्हाट्सऐप पर भी बातचीत होने लगी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुछ दिनों तक दोनों में बातचीत हुई, तब एना-ली ने डॉक्टर पाल को एक वेबसाइट में आॅनलाइन पंजीकरण कर खाता खोलने और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से रकम को तीन गुना करने का लालच दिया.
सिंह ने बताया कि डॉक्टर पॉल ने उस महिला की बातों में आकर 31 लाख रुपए जमा कर दिया जो बढ़कर 81 लाख रुपये हो गए. बाद में जब डॉक्टर पाल ने रकम निकालनी चाही तो तब उन्हें पता चला कि एना-ली पहले ही रकम को निकाल चुकी है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की और तीन माह के भीतर क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी ‘शा झू पान’ (चीनी भाषा में अर्थ – रोमांटिक घोटाला) मामले को सुलझा लिया.
सिंह ने बताया कि जब मामले की जांच की गई तब पता चला कि संदिग्ध एना-ली ने लोगों को धोखा देने के लिए ताइवान के ताइपे नामक जगह की एक इंस्टाग्राम स्टार स्टेफनी तेह की तस्वीरों का उपयोग करके एक नकली खाता बनाया था. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान क्रिप्टोकरेंसी के प्रवाह का विश्लेषण करने के लिए एक क्रिप्टोकरेंसी ट्रेल का मैप तैयार किया गया और सैकड़ों वॉलेट पते और हजारों लेनदेन का विश्लेषण किया गया. इस दौरान तीन संदिग्ध खातों के संबंध में जानकारी मिली जो लियू कियांग, ंिवग सैन त्से और गुओ पैन के नाम से पंजीकृत हैं. सभी चीन के नागरिक हैं.
अधिकारी ने बताया कि पुलिस के अनुरोध पर तीनों उपयोगकर्ता के खातों जिसमें चार करोड़ रुपए हैं को फ्रीज कर दिया गया है. पुलिस ने पैसों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सिंह ने बताया कि ‘शा झू पान’ घोटाले का संबंध अक्सर चीन से रहा है. ठगी के दौरान संदिग्ध व्यक्ति पीड़ित को धोखा देने के लिए पीड़ित के साथ धीरे-धीरे दोस्ती करता है. इस गिरोह के अपने कार्यालय होते हैं, जिनमें कई कर्मचारी और अधिकारी संगठित रूप से कार्य करते हैं.
उन्होंने बताया कि ग्लोबल एंटी स्कैम आॅर्गेनाइजेशन के अनुसार ‘शू झू पान’ के घोटालेबाज दुनिया भर में पीड़ितों से हर वर्ष अरबों डॉलर की ठगी करते हैं. इस प्रकार का संगठित अपराध मानव तस्करी गिरोह और धन शोधन में भी शामिल है.
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