रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा है कि राज्य में विश्वास, विकास और सुरक्षा की त्रिवेणी रणनीति के कारण नक्सल गतिविधियों में कमी आ रही है. जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि राजधानी रायपुर में आज स्टेट यूनिफाईड कमाण्ड की बैठक हुई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की उपस्थिति में हुई इस बैठक में राज्य में नक्सल मोर्चे पर प्रगति समेत जनसुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई.
उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि छत्तीसगढ़ राज्य में विश्वास, विकास और सुरक्षा की त्रिवेणी रणनीति के कारण नक्सल गतिविधियों में लगातार कमी आ रही है. अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों द्वारा बेहतर तालमेल के साथ नक्सलियों के खिलाफ सफलतापूर्वक चलाए जा रहे संयुक्त अभियान से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों में भी तेजी लायी जा रही है. इससे आम जनता का शासन और प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है.
उन्होंने बताया कि नक्सलियों के कोर क्षेत्रों में सुरक्षा शिविरों की स्थापना के कारण आज दक्षिण बस्तर के दूरस्थ क्षेत्रों जैसे जगरगुण्डा, किस्टाराम, भेजी, पामेड़, बासागुड़Þा और तर्रेम में बेहतर सड़कें, पुल-पुलियों का जाल, स्कूल, बिजली, पीडीएस, मोबाईल आदि की सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं.
उन्होंने बताया कि नारायणपुर, कोण्डागांव, बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों को जोड़ने वाली बरसों से बंद स्टेट हाइवे क्रमांक-पांच पल्ली (नारायणपुर)-बारसूर (दंतेवाड़ा) मार्ग को फिर से शुरू किया गया है और इसी तरह धुर नक्सली क्षेत्र जिला-सुकमा के जगरगुण्डा को जिला-दंतेवाड़ा से जोड़ा गया है. अधिकारियों ने बताया कि बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे अधोसंरचना संबंधित कार्यों को सुरक्षा के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किये जाने के निर्देश दिए गए.
बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय ग्रामीणों को विश्वास में लेकर नक्सलवाद के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए गए. साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात राज्य और केन्द्रीय सुरक्षाबलों के जवानों के कल्याण संबंधी चर्चा की गई. अधिकारियों ने बताया कि बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा तथा केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
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