रायपुर. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज अंबिकापुर में सरगुजा संभाग के सभी जिलों के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की. उन्होंने सरकारी अस्पतालों की कमियों और खामियों को दूर कर लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए. सिंहदेव ने उप स्वास्थ्य केंद्र की जरूरत वाले गांवों में नए केंद्र खोलने प्रस्ताव तैयार कर भेजने कहा.
उन्होंने मितानिन से लेकर जिला अस्पताल तक हर स्तर पर दवाईयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान, सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक अभिजीत सिंह और संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए.
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने बैठक में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति और अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी ली. उन्होंने अनुसूचित एवं मैदानी क्षेत्रों में प्रावधान के अनुसार नए उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए. सिंहदेव ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में दो से तीन हजार तथा मैदानी क्षेत्रो में पांच हजार की आबादी वाले गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने का प्रावधान है. क्षेत्र के ऐसे गांव जहां इतनी आबादी है और उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं है, वहां नए उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने का प्रस्ताव भेजें.
स्वास्थ्य मंत्री ने आज दिन भर चली मैराथन बैठक में सभी मैदानी अधिकारियों को अपरिहार्य कारणों को छोड़कर दवाईयों और उपकरणों की खरीदी सीजीएमएससी के माध्यम से ही करने के निर्देश दिए. उन्होंने दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा. मितानिन पेटी से लेकर जिला अस्पताल तक हर स्तर पर दवा उपलब्ध होना चाहिए.
सिंहदेव ने कहा कि संभाग के कुछ जिलों में योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर हो रहा है, लेकिन कुछ जिलों में अपेक्षाकृत कमजोर है. इसे ठीक करने की जरुरत है. संभाग के सभी जिलों की लगभग एक सी भौगोलिक स्थिति है. ऐसे में योजनाओं के क्रियान्वयन में ज्यादा अंतर नहीं होना चाहिए. उन्होंने आगामी समीक्षा बैठक में औसत प्रदर्शन वाले जिलों के अधिकारियो पर कार्रवाई की बात भी कही.
सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से बेहतर हुई हैं, परिवर्तन भी दिख रहा है. लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रों में कमियों-खामियों को दूर करने की जरूरत है. लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता है जिसे आप सबको पूरा करना है. समय पर व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पाने से लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है. इसे भी संवेदनशीलता के साथ दूर करना है. सिकलसेल, टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों के उन्मूलन में तेजी लाने की जरूरत है.
स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने बैठक में कहा कि अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं. मैदानी अमले को क्लिनिकल ट्रेनिंग देकर दक्ष बनाएं जिससे कि पीएचसी स्तर पर रिफरल की संख्या कम से कम हो. योजनाओ के क्रियान्वयन कि लिए जो पैरामीटर तय किए गए हैं उस पर खरा उतरें.
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी से करें. किसी अधिकारी-कर्मचारी पर कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ना चाहिए. बैठक में स्वास्थ्य विभाग के संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. पी.एस. सिसोदिया सहित सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन्स, खंड चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, अस्पताल सलाहकार और खंड कार्यक्रम प्रबंधक मौजूद थे.
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