नरवा विकास: वनांचल के लगभग 5 हजार हेक्टेयर भूमि में हो रहा चारागाह विकास

Estimated read time 1 min read

*कैम्पा मद अंतर्गत वर्ष 2022-23 में लगभग 12 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत*

रायपुर, 14 अप्रैल 2023/ छत्तीसगढ़ में नरवा विकास कार्यक्रम के तहत वनांचल स्थित नालों में काफी तादाद में भू-जल संवर्धन संबंधी कार्य कराए जा रहे है। इसके अंतर्गत कैम्पा मद की वार्षिक कार्य योजना 2022-23 में 11 करोड़ 79 लाख रूपए की स्वीकृत राशि से वन क्षेत्रों के 4 हजार 751 हेक्टेयर क्षेत्र में चारागाह विकास का कार्य प्रगति पर है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने इसे वन्य प्राणियों के भोजन तथा रहवास सुधार के लिए काफी उपयोगी बताया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2022-23 में ही छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण, निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण ’’कैम्पा’’ की वार्षिक कार्य योजना के तहत 1 हजार 503 नालों का चयन कर 6 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपचार जारी है। इनमें 29 लाख से अधिक भू-जल संबंधी संरचनाओं का निमार्ण किया जा रहा है। इनके निमार्ण के लिए प्रदेश के 32 वनमंडल, 2 राष्ट्रीय उद्यान, 3 टाइगर रिजर्व तथा 1 ऐलीफेंट रिजर्व में 300 करोड़ रूपए से अधिक की राशि स्वीकृत है।

इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री संजय शुक्ला ने बताया कि कैम्पा के तहत वर्ष 2022-23 में प्रदेश के वनांचल स्थित 239 स्थलों का चयन चारागाह विकास के लिए किया गया है। इनमें सर्वाधिक 85 स्थलों का चयन वन्य प्राणी संरक्षण के अंतर्गत किया गया है। यहां स्वीकृत 4 करोड़ 93 लाख रूपए की राशि से 1 हजार 955 हेक्टेयर भूमि में चारागाह विकास किया जा रहा है।

इसी तरह सरगुजा वनवृत्त अंतर्गत चारागाह विकास के लिए 62 स्थलों का चयन किया गया है। यहां 2 करोड़ 80 लाख रूपए की राशि से 1 हजार 120 हेक्टेयर भूमि में कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा बिलासपुर वनवृत्त के अंतर्गत 36 स्थलों में 1करोड़ 42 लाख रूपए की राशि से 600 हेक्टेयर भूमि, कांकेर वनवृत्त अंतर्गत 22 स्थलों में 1 करोड़ 14लाख रूपए की राशि से 475 हेक्टेयर तथा दुर्ग वनवृत्त अंतर्गत 18 स्थलों में 91 लाख़ रूपए की राशि से 361 हेक्टेयर और रायपुर वनवृत्त अंतर्गत 8 स्थलों में 50 लाख़ रूपए की राशि से 200 हेक्टेयर में चारागाह विकास का कार्य जारी है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours